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सोच समझ ले मनवा जग में ( वैराग्य गीत ) – रचना एवं स्वर जिनवाणीपुत्र क्षुल्लक श्री ध्यानसागरजी महाराज

सोच समझ लें मनवा जगमें पग पग पर है धोखा
सोच समझ लें मनवा जगमें पग पग पर है धोखा
सोच समझ ले मनवा जगमें ( वैराग्य गीत )
*जैनं जयतु शासनम्*
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aagamdhara
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